Tuesday, May 15, 2012

जन्नत की हूर


मैं एक कहानीकार हूँ .मैने आज तक हूरों के बारे में सिर्फ सुना और पढ़ा था .लेकिन मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी सचमुच कि कोई हूर खुद मेरे घर आएगी . और मैं उसके साथ प्यार भी कर सकूँगा . यह बात अगले साल के अक्टूबर की है .मैं करीब तीन साल से एक मुस्लिम लड़की से चैट के माध्यम से बात करता रहता था . वह भी शायरी और लेख लिखती थी . इसलिए हमारी काफी घनिष्टता हो गयी थी . लेकिन तब तक हनने एक दुसरे को नहीं देखा था .उस लड़की ने अपना नाम नजमा बताया था . दीमे धीमे मैं उसे नज्जो कहने लगा .हम दोनो ने एक दुसरे के नंबर भी ले लिए थे . और फोन से अक्सर बात भी करते रहते थे . नाजो जब भी बात करती थी , तो उसकी मधुर और खनकती हुई आवाज दिल को छू जाती थी .और मैं सोचने लगता था की काश वह मेरे पास होती , तो दिल भर के खूब बातें करते .
तभी नज्जो ने अचानक मुझे सवेरे ही फोन किया और कहा कि मैं तीन दिनों के लिए आपके शहर में ही रहूंगी . मुझे एक कोलेज कि तरफ से आमंत्रण मिला है . जहाँ मुझे एक सेमिनार में भाग लेना है .और अपने लेख पढ़ना है .और मैं सवेरे 7  बजे स्टेशन पहुँच जाउंगी .नज्जो कि इस बात को सुन कर मैं इतना खुश हो गया कि ट्रेन आने के एक घंटे पहले ही स्टेशन पहुँच गया , और इंतजार करने लगा .मैं मन ही मन में कल्पना कर रहा था कि नज्जो कैसी होगी .मैं उसे कैसे पहिचान सकूँगा .क्योंकि मैंने उसे कभी देखा नहीं था . तभी गाड़ी आगई . और नाजो ने मुझे फोन कर के बताया कि वह गेट के पास खडी है .फिर जैसे ही मैंने उसे देखा तो उसकी सुन्दरता को देख कर चकित हो गया .नज्जो का कद थोडा कम था ,लेकिन वह ठिगनी नहीं थी .उसके गाल भरे हुए और होंठ गुलाबी थे .शरीर का रंग रक दम गोरा था , जैसे ईरानियों का होता है .नज्जो के कपड़ों से इत्र की खुशबू आ रही थी .और जब मैं उसे हाथ से नमस्ते करने लगा तो उसने मेरा हाथ अपने हाथों में ले लिया .नज्जो के हाथ काफी नर्म थे .उसने कहा कि यद्यपि मेरे रहने खाने का इंतजाम कोलेज ने कर दिया है .लेकिन अगर आपको कोई ऐतराज नहीं हो तो मैं आपके घर में ही रहना चाहूंगी . ताकि हम खुल कर खूब बातें कर सकें नज्जो को पता था कि मैं शादी शुदा हूँ . इस् लिए उसने पूछा कि पहले आप अपनी पत्नी से पूछ लीजिये .मेरी पत्नी फ़ौरन राजी हो गयी
तैयार होकर नज्जो सेमिनार में चली गयी और सात बजे सेमिनार ख़त्म हो गया .मैं वापिस उसे घर ले आया .
जैसे ही मैं नज्जो को घर लेकर आया तो उसे देख कर ही मेरी पत्नी ने गरम जोशी से स्वागत किया .और प्रेम से गले लगा दिया .बाद में नाश्ते के बाद हम लोग बातें करने लगे .थोड़ी देर में ही नज्जो मेरी पत्नी की पक्की दोस्त बन गयी .और मेरी पत्नी से बोली लगता है कि आपके पति आपको बहुत प्यार करते हैं , और आप पर पूरा विश्वास रखते हैं .तभी तो मुझे देख कर आपको कोई आपत्ति नहीं बल्कि ख़ुशी हो रही है . मेरी पत्नी ने कहा कि चाहे मेरे पति किसी दूसरी औरत के साथ भी सो जाएँ मुझे कुछ भी बुरा नहीं लगेगा . मुझे अपना अधिकार लेना आता है .नज्जो बोली मैं यह बात जांच के बाद ही मानूंगी .इसी बीच मेरी पत्नी खाने की तय्यारी भी करती जा रही थी .करीब नौ बजे खाना तयार हो गया .और सबने साथ ही खाना खाया .खाने के बाद भी हम लोग ग्यारह बजे तक बातें करते रहे .
बीच बीच में नज्जो सेक्स के बारे में भी बात करती रही . उसे दूसरे दिन सवेरे दस बजे सेमिनार में जाना था . इसलिए मेरी पत्नी ने कहा . अब आराम से सो जाइये वर्ना आपको सवेरे उठाने में देर हो जाएगी .मेरी पत्नी ने नज्जो के लिए माकन की दूसरी मंजिल के एक कमरे में सोने का इंतजाम कर दिया , बगल में ही मेरा कमरा था , पत्नी बोली मैं निचे ही हाल में सो जाउंगी .क्योंकि मुझे जल्दी उठ कर नास्ते का इंतजाम करना होगा .जब नाजो सोने के लिए अपने कपडे बदल रही थी मैं उसे गौर से देख रहा था , उसने सिर्फ एक ओपिन मेक्सी ही पहनी थी , जिस में उसके बड़े बड़े बूब साफ झलक रहे थे . तभी नज्जो ने पूछा कि इतनी गौर से नुझे क्यों देख रहे हैं . मैंने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं कोई सपना देख रहा हूँ , या तुम कोई जन्नत से आई हुई हूर हो नाजो बोली अगर ऐसी बात है , तो आप मुझे छू कर देख लीजिये , यकीन हो जायेगा .मैंने कहा मैं यही सोच रहा हूँ कि किस जगह हाथ लगाऊँ . नाजो बोली मेरे दिल पर हाथ लगा कर देखो , और मेरा हाथ अपने बूब पर रख दिया . जसे ही मैंने अपना हाथ उसके बूब पर रखा मेरा लम्बा हथियार लुंगी के अन्दर ही उछलने लगा . यह देख कर नज्जो बोली लगता है पहले इस नटखट को सुलाना पड़ेगा .नहीं तो यह इसी तरह उछलता रहेगा . फिर नज्जो ने मेरे हथियार को प्यार से पकड़ कर कहा , आज मैं तेरी भी ताकत देखती हूँ , यह सुन कर जैसे ही मैंने नज्जो को अपनी तरफ खींच कर उसे चूमना चाह , वह खुद ही पलंग पर लेट गयी , ताकि मैं उसे अच्छी तरह से प्यार से चूम सकूँ .फिर मैं धीमे धीमे उसके होंठ अपने मुंह में लेकर उनका रस चूसने लगा , और अपनी टांगे उसकी टांगों में फसाकर उसकी जाँघों के बीच में हाथ फेरने लगा ,तो नज्जो ने खुद ही अपनी मेक्सी के बटन खोल दिए ..जिस से उसकी फूली हुई गुलाबी पुसी और उसका छेद साफ दिख रहा था .
मैं उस प्यारी गुलाबी पुसी के छेद का मजा लेने की तय्यारी कर ही रहा था कि अचानक मेरी पत्नी कमरे के अन्दर आ गयी .लेकिन नज्जो डरी नहीं , उसने मेरी पत्नी से कहा , आओ , मैं तुम्हें सिखाती हूँ कि जिंदगी का असली मजा कैसे लिया जाता है .आज तक तुमने सिर्फ एक ही तरह से मजा लिया होगा .मैं तुम्हें ऐसी तरकीबें सिखा दूंगी , जिस से तुम हमेशा मुझे याद करोगी . लेकिन तुम्हें शर्म छोड़ कर मेरा साथ देना पड़ेगा .यह कहते नज्जो ने अपने कपडे ढीले कर दिए .और मेरी पत्नी से बोली तुम मेरे और अपने पति के सभी कपडे निकाल कर दूर रख दो . पहले हम चूसने का तरीका बताते हैं .और नज्जो मेरा लिंग चूसने लगी .और मुझ से भी अपनी चूत चूसने को कहा , मुझे भी बहुत मजा आने लगा .नज्जो बोली चूत और लंड से जो रस निकालता है उसमे कई विटामिन होते हैं .जिस से जवानी बनी रहती है .फिर नज्जो ने मेरी पत्नी से कहा मेरी कमर के निचे एक तकिया रख दो जिस से मेरी चूत ऊपर हो जाये और पूरा लंड जड़ तक अन्दर समां जाये . जब तक लंड बच्चेदानी तक धक्का नहीं लगाता दोनो को मजा नहीं आता है यह सुन कर मेरी पत्नी ने मेरा लंड चूसा और नज्जो कि चूत के छेद पर रख दिया .और नज्जो के बूब को सहलाने लगी .
नज्जो और मेरी पत्नी निशा की ऐसी सेक्सी हरकतें देख कर मेरा लंड लोहे के डंडे जैसा कठोर हो गया . और मैंने जोश में आकर नज्जो की सकरी चूत में एक झटके में पूरा लंड अन्दर ठोक दिया . इस अचानक हमले से नज्जो के मुंह से जोर की हाय निकल गयी .हालाँकि नज्जो पहले से ही चुदा चुकी होगी , लेकिन मेरे हरेक धक्के पर चूत उठा कर जोर जोर से उफ़ , उफ़ , ओह ,ओह की आवाजें निकालने लगी . मेरे पत्नी निशा ने मजाक कर कहा कि नज्जो तुम तो इसी चुदाई के लिए यहाँ आई हो . अब मेरे पति के लम्बे लंड का झटका भी सहन करो .तुम भी याद करोगी .यह एक हिन्दू का साबित लंड है . तुम्हारी चूत को फाड़ के रख देगा .उसके बाद मैंने अपनी पत्नी के सामने ही नज्जो की आधे घंटे तक जम कर चुदाई कर दी . उसकी चूत दो बार पानी निकल गया था . तब मैंने भी उसकी चूत में लंड की पिचकारी छोड़ दी .नज्जो निढाल होकर पलंग पर लेट गयी .तभी निशा किचन में गयी और दो गिलास दूध लेकर आई .जिसमे बादाम पिसे हुए थे .करीब आधे घंटे बाद मेरा लंड फिर से तैयार हो गया .
नाजो बोली निशा अब तुम्हारी बारी है मैं लंड को चूस कर तैयार कराती हूँ , तुम कपडे निकाल कर चुदवाने को रेडी हो जाओ .अज तुम्हें एक नयी पोजीशन सिखाती हूँ .जिस से तुम्हें दोगुना मजा आयेगा .नाजो ने निशा को इस तरह घोड़ी बना दिया कि जिस से चूत और गांड के छेद ऊपर हो जाएँ .यह देख कर निशा ने पूछा कि नज्जो क्या मेरी गांड मरवाने का विचार है .इस से तो मेरी गांड ही फट जाएगी .लेकिन नज्जो बोली दरो नहीं लंड पीछे कि तरफ से तुम्हारी चूत के छेद में ही जाये.कैसे कुत्ता कुतिया चुदाई करते हैं .इसके बाद नाजो ने निशा कि चूत पर एक क्रीम इस तरह से लगादी , कि काफी क्रीम गांड के छेद पर भी लग जाये . निशा यह देख नहीं पाई . क्योंकि उसकी गांड मेरे लंड कि तरफ थी .फिर नाजो ने मेरा लंड पकड़ कर निशा की चूत के छेद में टिका दिया . और एक ही धक्के अध लंड गप्प से अन्दर समां गया .निशा ने आसानी से लंड अन्दर ले लिया . क्योकि उसे मेरे लंड की आदत थी .जिस समय निशा मजे लेकर चुदवा रही थी , तभी नज्जो ने बड़ी चालाकी से मेरा लंड निसा की चूत से उसकी गांड के छेड़ पर रख दिया , और मुझे जोर का धक्का मत्ताने का इशारा कर दिया .इसके साथ ही नज्जो ने निशा की कमर को कस कर जकड लिया .
जैसे ही लंड का सुपारा निशा की गांड में घुसा तो वह जोर से बोली ,हाय मर गई .लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था .निशा चीखती रही लेकिन मैंने निशा की गांड में पूरा लंड धसा दिया . दर्द से निशा का मुंह लाल हो गया .तब्नाज्जो ने कहा निशा बस थोड़ी देर की बताई . इसके बाद तुम्हें कोई दर्द नहीं होगा .नज्जो बोली
याद करो जब मेरी चूत में लंड घुस रहा था , तो मुझे कैसा लग रहा होगा . अब तुम भी लंड का दर्द सहो . मेरा अनुभव है कि थोड़े से दर्द के बाद खूब मजा आता है . यह सुन कर निशा आराम से गांड मरवाने लगी .उसके बाद करीब आधा घंटे तक निशा की ऐसी गांड मारी वह मस्त हो गयी और बोली मैं तो बेकार ही गांड मराने से डरती थी . अज मुझे पता चल गया जब लड़ गांड में जाता है तो चूत भी मस्त हो जाती है . और चूत से पानी निकल जाता है .
इसके बाद मैंने एकबार नाजो की भी गांड मारी , और वह भी खुश हो कर बोली आज से मैं निशा को अपनी दोस्त समझूंगी . और मुझे जब भी समय मिलेगा , मैं निशा के साथ मिल कर खूब मजे किया करेंगे .( दूसरी रात की कहानी बाद में )

 आज भी नज्जो के आने का इंतजार है ,